Friday, June 15, 2018

जब तक आप में जान है तब तक

जब तक आप में जान है तब तक
यदि आप थम गऐ, तो आपकी ज़िंदगी थम जाएगी | याद रखिये सिर्फ आपकी ज़िंदगी | दूसरों की जिंदगी नहीं | यदि चलते रहे तो चलती रहेगी ज़िंदगी भी, जब तक आप में जान है तब तक | जब ये बात हम सबको मालूम है की एक दिन तो थमना ही है, तो क्यों नहीं कुछ किया जाए तब तक, जब तक थमती नहीं ये जिंदगी
| कुछ तो सोचा होगा उस महान ताकत ने इस दुनियाँ को बनाने से पहले | ज़रूर सोचा होगा ये पहाड़, ये समंदर, ये फूल, ये काँटे, ये धरती, ये झरने, मुझे और आपको बनाने से पहले | इस सवाल का जवाब पाना आसान नहीं है | यकीन मानिये, आप और मैं यदि इस फेरे में पड़ जाएं और सोचते-सोचते पूरी ज़िंदगी खपा दें तो भी इसकी तह तक नही पहुँच पाएंगे | तो आखिर है क्या ? क्यों हैं हम यहाँ ? इस सवाल का सटीक जवाब मुझे तो नही मिला आज तक | या यूँ कहूँ की मैं किसी भी जवाब से सहमत नहीं हूँ | हर व्यक्ति अपने विचार और विवेक से इस सवाल का जवाब देता है | वो उसका तर्क है, मेरा नहीं | मेरा तर्क उससे अलग है | आपका तर्क मुझसे अलग होगा | दरअसल जीवन का मुख्य उद्देश्य मेरे मत से केवल और केवल ख़ुद को खुश रखना है | यदि आप किसी कार्य को करते हुए खुशी की अनुभूति करते हैं तो वो आपका सच है | आपके लिये जीवन का उद्देश्य आपका कार्य है | मेरे लिये मेरा कार्य अहम है | किसी और को देख कर खुद को कमतर आँकना बेकार है | दूसरों से ख़ुद की तुलना करना तो जैसे बिना सिर पैर की बातैं हैं | आप, आप हैं, मैं, मैं हूँ | आप में और मुझ में ज़मीन आसमान का फर्क है | इस दुनियाँ मे तुलना करने वालों की कमी नहीं है | पर अपने विवेक से काम लेने वालों की कमी है | वो बढ़ गए आगे जिन्होंने खुद को समय रहते पहचान लिया है | यदि हम केवल दूसरों से स्वयं की तुलना ही करते रह जाएंगे तो खुद को पहचानेंगे कब | जब हमें इस बात का अहसास होगा की हमारी क़ाबीलियत क्या है तब तक कहीं देर ना हो जाए | वक्त रहते अपनी राह चुन लेने में समझदारी है | ये दुनियाँ केवल उनके लिये सुखद है जो केवल खुश रहने के अवसर तलाशते हैं | आज में जीने वालों को हमेशा खुशी का एहसास ही मिलता है | कल की सोचने वाले केवल दुख के भागीदार बनते हैं | सपने देखना कोई काम नहीं है, यदि कुछ है तो केवल अपने सपनों को साकार करने की दिशा में प्रयासरत्त रहना | पर केवल सपने देखना अपने समय का दुरउपयेग करना है | आप आज जो कुछ भी करते हैं उसका फल आपको कल मिलता है | यदि आप आज किसी कार्य की शुरूआत करते हैं तो उसका फल आपको कल मिलेगा | यदि आप केवल सपने देखते हुए और दूसरों से स्वयं की तुलना करते हुए अपना समय गवा रहे हैं तो सतर्क हो जीईये, क्योकी इसका अर्थ है की या तो आप तय नहीं कर पा रहे हैं की आखिर आपको करना क्या है या फिर आप सुस्त हैं | एक और कारण हो सकता है, आपको सपने देख कर ही खुशी मिलती है | यदि ऐसा है तो खुश रहिये आप | जीवन का मूल मंत्र तो खुश रहना ही है | पर याद रहे, हो सकता है आपको सपने देख कर आज खुशी मिल रही हो पर कल जब आपके सपने पूरे नहीं होंगे तो स्थिति बहुत बुरी हो सकती है | तो बात घूम-फिर कर यहीं आती है कि क्या केवल सपने देख कर पूरी ज़िंदगी खुश रहा जा सकता है ? जी नहीं, सपने देखने का एक समय होता है | उसके बाद समय आता है सपने के अनुकूल योजना बनाने का | और उसके बाद उन सपनौं को साकार करने की कोशिश में अपना पूरा जीवन न्योछावर करने का | खुशियाँ और गम तो पड़ाव हैं | दुख और सुख मे अपने आप को एक सा रखना असली चुनोती है | इन सभी चुनौतियों का सामना करते जाना ही ज़िंदगी है | सीधे तौर पर कहैं तो चलते जाना ही जीवन है, जब तक आप में जान है तब तक |

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